आपका जीवन अच्छा चल रहा है, आपके पास रहने के लिए अच्छा घर, खाने के लिए अच्छा भोजन और तन पर औढ़ाने के लिए स्वच्छ व सुंदर कपड़े हैं। आप एक अच्छी पारिवारिक परिस्थिति में हैं, आपके पास अच्छी शिक्षा और आपका मनपसंद कार्य भी है , जिससे आपको एक बढ़िया आमदनी होती है। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। अब कुछ सेकंड के लिए अपनी आंखे बंद कीजिये (आगे उसके बाद ही पढियेगा)।
अगर आपने ईमानदारी के साथ कुछ सेकंड के लिए अपनी आंखे बंद करके स्वयं के अंदर झाँक लिया है तो अब आप स्वयं से पूछ सकते हैं – हेलो! क्या आपके अंतर्मन में सब अच्छा है? क्या आप भीतर से खुश हैं? सब कुछ ठीक है ना! अगर जवाब हाँ है तो यह मान लीजिये कि आपने अपने जीवन का उद्देश्य पूरा कर लिया है, अब आपको कुछ और करने की आवश्यकता ही नहीं है। अब आपको आगे कुछ भी समझने या पढ़ने की भी आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन अगर आपको जवाब ना में मिल रहा है तो शुरुआत में हमने जो अच्छी बात कहीं थीं, वो आपके जीवन का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है। अभी ऐसा बहुत कुछ करना बाकी है जो आपने नहीं किया है, जो आपको आतंरिक खुशी और संतुष्टि भाव से भर देगा। ये बात सच है कि आजकल के व्यस्त जीवन में हमें समय नहीं मिलता जिसके कारण हम खुद से बात नहीं कर पाते। लेकिन जीवन में जब भी व्यस्तता लगे, चाहे आप बहुत अच्छी परिस्थितियों में हों या किसी कारणवश स्थितियाँ अच्छी ना हों। दोनों ही स्थितियों में स्वयं से बात करना ना भूलें। आपका अंतर्मन, हर स्थिति में आपका मार्गदर्शन करने में पूर्णतः समर्थ होता है। तो सच्ची खुशी और संतुष्टि के लिए स्वयं से बातें जरूर करे।