कहते हैं कि जीवन में जब तक आगे बढ़ने की हिम्मत है तब तक रास्ते भी खत्म नहीं होते हैं। लेकिन अगर मन में एक बार भी निराशा आ जाये तो आगे बढ़ने के रास्ते बंद होते प्रतीत होने लगते हैं जबकि वास्तविकता में रास्ते हमेशा खुले होते हैं। जिंदगी के हर पक्ष के कई रास्ते बने होते हैं। अगर एक रास्ता बंद हो भी जाए तो दूसरा रास्ता खुल जाता है, बशर्ते मन मे आशा हो जो सदैव मंजिल तक पहुँचाने के लिए पर्याप्त होती है। लेकिन जब भी जीवन में कोई समस्या आती है तो मन में निराशा को भी साथ लेकर आती है, ऐसी स्थिति में शिक्षा ही एक ऐसी आशा की किरण होती है जो अपने प्रकाश से मंजिल की तरफ जाने वाले अनेक रास्तों को व्यक्ति के लिए खोल देती है।
किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व होता है, जो व्यक्ति को समाज में सभ्यता से रहने लायक बनाती है और वह सम्मानपूर्ण जीवन जी पाता है। व्यक्ति की शिक्षा द्वारा ही उसकी सफ़लता का निर्धारण होता है। शिक्षा किसी भी प्रकार की हो सकती है अतः यह भी आवश्यक नहीं है कि किताबी शिक्षा से ही सफलता का निर्धारण हो। शिक्षा प्राप्त करने के अनेक माध्यम हो सकते हैं और एक शिक्षित व बुद्धिमान व्यक्ति अपने एक लक्ष्य का निर्माण करता है, उसे पाने के लिए हर चुनौती को दूर करता हुआ लक्ष्य की ओर हमेशा अग्रसर रहता है।
बुद्धिमान व्यक्ति अपनी समझ का विस्तार और अपनी सीखने की क्षमता को अधिक प्रखर करता है, जिससे वह छुपे हुए रास्तों को समझने व देखने में समर्थ हो जाता है और साथ ही उसकी निर्णय क्षमता का विकास होने पर वह सही फैसले ले पता है। जो केवल तभी लिए जा सकते हैं जब व्यक्ति दिए गए कई सारे विकल्पों में से सही विकल्प का चुनाव कर उसे अपनाता है। यही विकल्प व्यक्ति की सफलता और असफलता की आधारशिला रखते हैं। जब आशावान होकर सही विकल्प का चुनाव किया जाता है तभी व्यक्ति अपने कार्य में सफल हो पाता है, जिसके लिए शिक्षा एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को सदैव आशावान रहने में और सही विकल्प चुनने में मदद करती है।